कोरोना को दूर भगाना है
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ख़ुशियों का संसार बसाना है
कोरोना को दूर भगाना है ।
आयी है सर पर विपदा भारी
दहशत में है यह दुनिया सारी
काल बना सर पर मँडराता है
यह जीवाणु बहुत धमकाता है
अपने ही आज पराए दिखते
दूरी में ही हम जीना सीखते
संयम से ही काम चलाना है
कोरोना को दूर भगाना है।
घर पर रहने का अवसर आया
अपनेपन का रिश्ता समझाया
बाहर – भीतर मत करना कुछ दिन
गप्पों – क़िस्सों में रम जा कुछ दिन
देह नहीं कोई यह पाएगा
चेन नहीं इसका बन पाएगा
मानव को यह जंग जिताना है
कोरोना को दूर भगाना है।
बच्चे – बूढ़े इक हो जाएँगे
अनुशासन की बात बताएँगे
फिर न महामारी आने पाए
ऐसी ग़लती क्यूँकर दुहराए
चिंता में मत करना प्राण विकल
चेतोगे आज तभी होगा कल
जनजीवन ख़ुशहाल बनाना है
कोरोना को दूर भगाना है।
Atyant Sundar Kavita madam ji
सुंदर सार्थक सामयिक सृजन
👏👏👏
शानदार कविता, सार्थक
*आज कथा चक्र पर प्रतिष्ठित वेब पत्रिका गर्भनाल की समीक्षा-*
https://katha-chakra.blogspot.com/2021/07/2021.html?m=1
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