मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी एक खुली किताब है
हर पन्ने पे तेरा नाम है ।
मैं रहूँ न रहूँ ,परवा नहीं है
जिंदगी मेरी तुम्हारे नाम है ।
जब कभी ख्यालों की आंधी उठेगी
तन्हाई में भी मेरी आवाज़ गूँजेगी।
परछाई बनकर तुम्हारे पास रहूँगी
गेसुओं की छाँव से ढक लूँगी।
जीने के पैमाने यों तो बहुतेरे हैं
हर रंग पर फीके हो चले हैं ।
जिन शोख रंगों में तुम्हारी तस्वीरें हैं
मन के कैनवास में बखूबी उकेरे हैं ।
सितारों की महफ़िल जब - जब सजेगी
तुम्हारी निगाहें मुझको ढ़ूँढ़ेगी।
चमने इश्क की खुशबु पहचानी सी होगी
चाँद को शिकस्त देती नूर मुझसे होगी ।
अपनी यादों का कारवाँ रोक लेना
बाँहों का दायरा ज़रा बढ़ा देना ।
तोड़ हया की दीवार ,आगोश में ले लेना
उस शामे बसहर को मेरे नाम कर देना ।
bahut sundar hai ye kitaab ..jindagi kee khuli kitaab ...sundar rachna ..
सुन्दर प्रस्तुति ।
नवसंवत्सर की शुभकामनायें ।।
बहुत बहुत सुन्दर.......
very grateful to you all ,thank you