कामनाएँ
साल दर साल रैन बसेरा का साथ मत दो
बस एक ख्याल ही अपना आने दो ।
गगन के विस्तार सा आयाम मत दो
बस एक कोने में सिमटा सूर्य बन रहने दो ।
बस एक कोने में सिमटा सूर्य बन रहने दो ।
सावन की हरियाली सा संजीवनी अहसास मत दो
बस एक अमलतास बन मुस्काने दो ।
बस एक अमलतास बन मुस्काने दो ।
सर्द रातों में बाहों के घेरे का जकड़न मत दो
बस टिकने के लिए कंधे का सहारा दे दो ।
बस टिकने के लिए कंधे का सहारा दे दो ।
आँखों में बंद ख्वाबों का आसरा मत दो
बस अपनी एक बेचैन पल का हवाला दे दो ।
बस अपनी एक बेचैन पल का हवाला दे दो ।
दूब की मखमली चादर पर साथ न चलने दो
बस ओस की एक बूँद बन गिर जाने दो ।
बस ओस की एक बूँद बन गिर जाने दो ।
अपनी दूरियों के उन घंटों का हिसाब मत दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 26-03-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
बहुत सुन्दर.....
अपनी दूरियों के उन घंटों का हिसाब मत दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
वाह!!!
अपनी दूरियों के उन घंटों का हिसाब मत दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
धीरता का सुंदर पथ ...
ठहरी सी ....सुंदर अभिव्यक्ति ...
बेहतरीन रचना ,मुखर अभिव्यक्ति प्रशंशनीय है / शुभकामनायें जी /
सुंदर प्रस्तुति....
दूब की मखमली चादर पर साथ न चलने दो
बस ओस की एक बूँद बन गिर जाने दो ।
अपनी दूरियों के उन घंटों का हिसाब मत दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
समझौता -ए - ज़िन्दगी ,संतोषानंद होती ज़िन्दगी को सलाम .जीने के लिए बस एक ठिकाना ,एक छत,थोड़ा सा यकीन चाहिए .
अपनी दूरियों के उन घंटों का हिसाब मत दो
बस मुझे तन्हाई में जीने के कुछ मंत्र दे दो
बहुत खूब ।
सुंदर रचना
bahtareen rachna...bhawpurn..aabhar