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     मेरे बिन 


खूबसूरत लम्हों में हम जीने का बहाना ढ़ूँढ़ते हैं 
आवारा बादल बन तुम मेरे बदन को छू लेते हो 
हसीं वादियों की पहलु में हम बीता कल तलाशते हैं 
शोख पवन बन तुम मेरे केशुओं को बिखेर देते हो 
बारिश की रिमझिम फुहारों में हम सुकून ढ़ूँढ़ते हैं 
इन्द्रधनुष बन तुम मुझे मोहपाश में फाँस लेते हो 
अनगिनत उपादानों में हम तुम्हारा बिम्ब तलाशते हैं 
 उपालम्भों का ले सहारा तुम मुझे निष्पंद कर देते हो 
फिजां की खुशबुओं में हम अपना अस्तित्व  ढ़ूँढ़ते हैं 
आंधी बन कर तुम मुझे जाने कहाँ उड़ा देते हो 
चाँद की अक्स में हम अपना वजूद तलाशते हैं 
अश्कों को  मेरी तुम ओस की बूंद कह देते हो 
प्रकृति से कर तारातम्य हम नवजीवन ढ़ूँढ़ते हैं 
रूह बन उनकी तुम मेरे आस -पास मँडराते हो 
तुम बिन जीना एक ख्वाब में हम ढाल लेते हैं 
पर ख्वाबों की चोरी करना तुम खूब जानते हो 
फासले अपने दरम्यां हम जितनी भी बना लेते हैं  
मुझे पता है तुम अपनी नींद में मुझे पाते हो 
अपने - अपने अहम् की सीमाओं में जकड़े होते हैं 
बिन मेरे साथ के भला तुम कहाँ करार पाते हो 


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