संक्रमण
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युग का सबसे संक्रमणकारी दौर है यह
हवा में तैरते वायरस कितनी जल्दी
बातों के रोग का संक्रमण फैला देते हैं
इसका अंदाजा भी नहीं लगता।
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
यही तो संक्रमण है
खड़ा होता है वह अकेला कवि
चारों ओर से घिरा हुआ
शक्तिशाली ,तलवारधारी ,बाहुबलियों से
और ,अभिमन्यु तो निहत्था है
लड़ रहा है अपने शब्दों के बल पर
आँखों में रोश ,हृदय में आग लिए
जूझ रहा है मूल्यों की धरातल पर ।
एक तरफ हथियार है
एक तरफ अकेला कलमकार
मूक दर्शक बन देखने वाले मानुष
जिजीविषा की लालसा रखते हो
तो कूद पड़ो अभिमन्यु के साथ
जीतेजी भी तो तुम मरते आये हो
युगों से ,क्योंकि तुम शब्दहीन हो
पर वह मसिजीवी जीवित रहेगा
बिना संक्रमण का शिकार हुए।
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युग का सबसे संक्रमणकारी दौर है यह
हवा में तैरते वायरस कितनी जल्दी
बातों के रोग का संक्रमण फैला देते हैं
इसका अंदाजा भी नहीं लगता।
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
यही तो संक्रमण है
खड़ा होता है वह अकेला कवि
चारों ओर से घिरा हुआ
शक्तिशाली ,तलवारधारी ,बाहुबलियों से
और ,अभिमन्यु तो निहत्था है
लड़ रहा है अपने शब्दों के बल पर
आँखों में रोश ,हृदय में आग लिए
जूझ रहा है मूल्यों की धरातल पर ।
एक तरफ हथियार है
एक तरफ अकेला कलमकार
मूक दर्शक बन देखने वाले मानुष
जिजीविषा की लालसा रखते हो
तो कूद पड़ो अभिमन्यु के साथ
जीतेजी भी तो तुम मरते आये हो
युगों से ,क्योंकि तुम शब्दहीन हो
पर वह मसिजीवी जीवित रहेगा
बिना संक्रमण का शिकार हुए।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-10-2015) को "प्रातः भ्रमण और फेसबुक स्टेटस" (चर्चा अंक-2127) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
इस मर्ज़ का इलाज़ जल्दी से जल्दी ढूँढा जाना चाहिए.