संक्रमण
-------------
युग का सबसे संक्रमणकारी दौर है यह
हवा में तैरते वायरस कितनी जल्दी
बातों के रोग का संक्रमण फैला देते हैं
इसका अंदाजा भी नहीं लगता।
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
यही तो संक्रमण है
खड़ा होता है वह अकेला कवि
चारों ओर से घिरा हुआ
शक्तिशाली ,तलवारधारी ,बाहुबलियों से
और ,अभिमन्यु तो निहत्था है
लड़ रहा है अपने शब्दों के बल पर
आँखों में रोश ,हृदय में आग लिए
जूझ रहा है मूल्यों की धरातल पर ।
एक तरफ हथियार है
एक तरफ अकेला कलमकार
मूक दर्शक बन देखने वाले मानुष
जिजीविषा की लालसा रखते हो
तो कूद पड़ो अभिमन्यु के साथ
जीतेजी भी तो तुम मरते आये हो
युगों से ,क्योंकि तुम शब्दहीन हो
पर वह मसिजीवी जीवित रहेगा
बिना संक्रमण का शिकार हुए।
-------------
युग का सबसे संक्रमणकारी दौर है यह
हवा में तैरते वायरस कितनी जल्दी
बातों के रोग का संक्रमण फैला देते हैं
इसका अंदाजा भी नहीं लगता।
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
यही तो संक्रमण है
खड़ा होता है वह अकेला कवि
चारों ओर से घिरा हुआ
शक्तिशाली ,तलवारधारी ,बाहुबलियों से
और ,अभिमन्यु तो निहत्था है
लड़ रहा है अपने शब्दों के बल पर
आँखों में रोश ,हृदय में आग लिए
जूझ रहा है मूल्यों की धरातल पर ।
एक तरफ हथियार है
एक तरफ अकेला कलमकार
मूक दर्शक बन देखने वाले मानुष
जिजीविषा की लालसा रखते हो
तो कूद पड़ो अभिमन्यु के साथ
जीतेजी भी तो तुम मरते आये हो
युगों से ,क्योंकि तुम शब्दहीन हो
पर वह मसिजीवी जीवित रहेगा
बिना संक्रमण का शिकार हुए।
बेबात पर बात बढ़ जाती है
चुप रहने पर बवाल हो जाता है
इस मर्ज़ का इलाज़ जल्दी से जल्दी ढूँढा जाना चाहिए.